2. यह दुर्घटना 14 अप्रैल 1912 को रात 11:40 बजे पर हुई थी और 2:20 बजे जहाज समंदर में समा गया था।
3. समुद्री इतिहास की सबसे भीषण टाइटैनिक दुर्घटना में 1,517 लोग मारे गए थे।
4. आइसबर्ग जब नजर आया, उससे मात्र 30 सेकंड पहले दिख गया होता, तो जहाज की दिशा बदली जा सकती थी और तब शायद समुद्री इतिहास की यह भीषणतम दुर्घटना नहीं हुई होती।
5. टाइटैनिक शिप में भाप निकलने के लिए 4 स्मोकस्टेक्स लगे हुए थे। ये टाइटैनिक की तस्वीरों का अभिन्न हिस्सा रहे हैं। लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि उनमें से एक स्मोकस्टेक महज डेकोरेटिव पीस था, वह काम नहीं करता था। उसे सजावट के लिए लगाया गया था।
6. उस भयावह दुर्घटना की रात अटलांटिक महासागर में कैलिफोर्नियन नाम का एक और शिप तैर रहा था। वह टाइटैनिक से ज्यादा दूर भी नहीं था। लेकिन उसे सूचना मिलने में देर हो गई, इसलिए वह समय पर नहीं पहुंच पाया और ज्यादा यात्रियों को नहीं बचा पाया।
7. टाइटैनिक के दुर्घटनाग्रस्त होने से एक दिन पहले लाइफबोट ड्रिल प्रैक्टिस की जानी थी। लेकिन उसे अंतिम क्षणों में कैंसिल कर दिया गया। अगर यह ड्रिल हो जाती, तो दुर्घटना के समय लाइफबोट्स का मैनेजमेंट ज्यादा अच्छी तरह किया जा सकता था।
8. टाइटैनिक फिल्म के सबसे इमोशनल सीन्स में वह दृश्य भी शामिल है, जब आइसबर्ग से जहाज टकराने के बाद भी म्यूजिक बैंड के सदस्य परफॉर्म करते रहते हैं। असली जहाज के दुर्घटनाग्रस्त होने पर सचमुच ऐसा ही हुआ था।
9. दुर्घटना के बाद बहुत-से पैसेंजर लाइफबोट्स के जरिए जान बचाने में कामयाब रहे थे। लेकिन और भी यात्रियों की जान बच सकती थी, क्याेंकि ज्यादातर लाइफबोट्स में बहुत सारी जगहें खाली रह गई थीं।
10. यह एक दिलचस्प फैक्ट है कि असली टाइटैनिक जहाज बनाने में जितना खर्च हुआ था, उससे कहीं ज्यादा खर्च जेम्स कैमरून की फिल्म ‘टाइटैनिक’ के निर्माण में हुआ।
11. टाइटैनिक को तबाह कर देने वाला कुख्यात आइसबर्ग समुद्र में दुर्घटना होने से 2,900 साल पहले से तैर रहा था।
12. इस भीषण दुर्घटना में जहाज का एक शेफ भी बच गया था। इसका कारण बड़ा दिलचस्प है। दरअसल, उस शेफ ने टाइटैनिक के डूबने से पहले काफी शराब पी ली थी। इसकी वजह से पानी में गिरने के बाद उसके शरीर का टेम्प्रेचर बहुत कम नहीं हो पाया। यहां बता दें कि टाइटैनिक के बहुत-से यात्री डूबने के बजाय ठंडे पानी से मरे थे।
13. अमेरिका की मशहूर चॉकलेट कंपनी हर्शे चॉकलेट्स के मालिक मिल्टन हर्शे ने भी टाइटैनिक का टिकट कटाया था, लेकिन बाद में उन्होंने अपना प्लान बदल दिया। इस तरह उनकी जान संयोग से बच गई।
14. टाइटैनिक में एक जापानी यात्री भी था, जो दुर्घटना में बच गया था। लेकिन जब वह वापस जापान पहुंचा, तो उसे जहाज को छोड़कर भागने के लिए लानत दी गई। कहा गया कि उसे डूबते जहाज के साथ बने रहना चाहिए था।
15. दुनिया के इतिहास में आइसबर्ग से टकराकर टूटने वाला टाइटैनिक अकेला बड़ा जहाज है।
16. टाइटैनिक जहाज के सफर शुरू करने से पहले एक खास प्रथा भी नहीं निभाई गई। सफर की शुरुआत से पहले प्रथा के मुताबिक, जहाज पर एक तय जगह पर शराब की बोतल तोड़ी जाती थी, लेकिन टाइटैनिक के सफर शुरू करने से पहले इस परंपरा
17. टाइटैनिक शिप में 13 ऐसे जोड़े सवार थे, जो अपना हनीमून सेलिब्रेट करने के लिए यात्रा पर निकले थे।
18. टाइटैनिक में बहुत सारे ऐसे लोग भी मौजूद थे, जो असल में इसमें सफर नहीं करने वाले थे। दरअसल, कोयले की कमी टाइटैनिक के सफर में बाधा हो रही थी। इसे दूर करने के लिए व्हाइट स्टार लाइन जहाज को ओशिएनिक और एड्रियाटिक की यात्रा रद्द करनी पड़ी। व्हाइट स्टार लाइन ने अपना कोल स्टॉक और कुछ यात्रियों को टाइटैनिक पर शिफ्ट कर दिया था।
19. टाइटैनिक जहाज इंपीरियल स्टेट बिल्डिंग जितना ऊंचा था। इंग्लैंड की राजधानी लंदन में मौजूद टावर ब्रिज के बराबर लगभग इसकी ऊंचाई थी। यानी कहा जा सकता है कि इसकी ऊंचाई करीब 17 मंजिला इमारत के बराबर थी। वहीं, इस जहाज की लंबाई फुटबॉल के तीन मैदानों के बराबर थी।
20. जहाज में रोज 800 टन कोयले की खपत होती थी।
21. टाइटैनिक में लगी सीटी की आवाज को 11 मील की दूरी तक सुना जा सकता था।
22. टाइटैनिक शिप पर 9 कुत्ते थे, लेकिन शिप पर एक भी बिल्ली मौजूद नहीं थी। मान्यताओं के मुताबिक, शिप पर बिल्लियों को रखना अच्छा माना जाता है। इनसे बाधाएं टलती हैं और साथ ही, ये शिप पर छोटे जानवरों जैसे चूहे और गिलहरियों की संख्या भी कम करती हैं।
23. टाइटैनिक शिप में यात्रियों और क्रू मेंबर्स के खाने का अच्छा-खासा इंतज़ाम था। जहाज पर खाने के लिए 86,000 पाउंड मीट, 40,000 अंडे, 40 टन आलू, 3,500 पाउंड प्याज, 36,000 सेब और 1,000 पावरोटी के पैकेट के साथ कई तरह के खाने का सामान मौजूद था।
24. टाइटैनिक शिप में फर्स्ट क्लास में सफर करने के लिए आज से करीब सौ साल पहले 4,350 डॉलर (करीब 2 लाख 70 हजार रुपए) चुकाने पड़ते थे। वहीं, सेकंड क्लास के लिए 1,750 डॉलर ( करीब 1 लाख रुपए) और थर्ड क्लास के लिए 30 डॉलर (करीब दो हजार रुपए) की रकम चुकानी पड़ती थी। आज के वक्त में डॉलर की कीमत को देखा जाए, तो एक यात्री को 50 लाख रुपए खर्च कर इसमें सफर करने का मौका मिलता।
25. टाइटैनिक शिप के कैप्टन स्मिथ इस यात्रा के बाद रिटायरमेंट लेने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन ये सफर ही उनकी जिंदगी का आखिरी सफर साबित हो गया।
26. जहाज में 900 टन भारी बैग और बाकी माल रखा था।
27. जहाज पर रोजाना 14,000 गैलन पानी का इस्तेमाल होता था।
28. 16 लाइफ बोट इस्तेमाल करने में करीब 80 मिनट लग गए। पहली लाइफ बोट में केवल 28 लोग बैठे, क्योंकि बाकी लोगों को लगा ही नहीं की जहाज डूब सकता हैं।
29. टाइटैनिक जब डूबा, तो वो अपने सफर के चौथे दिन में था। जमीन से करीब 600 किलोमीटर दूर।
30. टाइटैनिक को उस चट्टान से टकराने से पहले छह चेतावनी मिली थी।
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